अब प्रदेश में बिना यूजीसी निरीक्षण के खुल सकेंगे निजी विवि अध्यादेश जारी
PUBLISHED : Jun 29 , 9:07 AM
अब प्रदेश में बिना यूजीसी निरीक्षण के खुल सकेंगे निजी विवि अध्यादेश जारी,
सिम्बायोसिस सहित तीन नये निजी विवि को मिली मंजूरी
डॉ नवीन जोशी
भोपाल।
अब प्रदेश में निजी विवि बिना यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के निरीक्षण के भी खुल सकेंगे। इस संबंध में शिवराज सरकार ने विधि विभाग के माध्यम से अध्यादेश जारी कर दिया है। एक दूसरा अध्यादेश जारी कर सरकार ने सिम्बायोसिस सहित तीन नये विवि भी मंजूर कर दिये हैं।
राज्यपाल के हस्ताक्षरों से जारी पहले अध्यादेश में मप्र निजी विवि स्थापना एवं संचालन अधिनियम 2007 में संशोधन किया गया है जिसमें कोई निजी विवि को मंजूरी देने के पहले यूजीसी की निरीक्षण रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। अब निजी विवि किन्हीं कक्षाओं अथवा पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करने के पूर्व निरीक्षण के लिये राज्य विनियामक आयोग को आवेदन करेंगे तथा आयोग निरीक्षण के पश्चात पाई गई कमियों के बारे में उक्त विवि को सूचित करेगा तथा इन कमियों को ठीक करने हेतु विवि को उपयुक्त समय देगा। जब तक विवि द्वारा इन कमियों को उपयुक्त समय में दूर नहीं करता तब तक आयोग संबंधित विवि को कक्षायें एवं पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति नहीं देगा।
इसके अलावा अध्यादेश में यह भी प्रावधान किया गया है कि राज्य विनियामक आयोग द्वारा विवि प्रारंभ करने की अनुमति देने के पश्चात निजी विवि के लिये यह अनिवार्य होगा कि वह पाठ्यक्रम प्रारंभ होने के छह माह के भीतर यूजीसी को निरीक्षण हेतु आवेदन प्रस्तुत करे।
तीन नये विवि :
दूसरे अध्यादेश में राज्य सरकार ने प्रदेश में तीन नये निजी विवि की स्थापना को मंजूरी प्रदान कर दी है। इनमें
इंदौर की तहसील हातोद स्थित बड़ा बानगड्डा में सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी आफ एप्लाईड साइन्सेज, इंदौर स्थित रेसीडेंसी एरिया में डेली कालेज सोसायटी का डीसी विवि तथा छिन्दवाड़ा जिले की तहसील सौंसर स्थित ग्राम मउजा, ग्राम धोधाबोरगांव एवं ग्राम साईखेड़ा में नागपुर की जीएचआर संस एजुकेशनल एण्ड मेडिकल रिसर्च फाउण्डेशन का जीएच रायसोनी विवि।
गाली-गलौच करने वाली महिला डाक्टर निलम्बित
भोपाल।
मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर में पदस्थ एक सरकारी महिला डाक्टर को गाली-गलौच करने के आरोप में राज्य शासन ने निलम्बित कर दिया है। यह महिला डाक्टर सीहोर जिले के दौराहा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. अंजनी सिंह है। निरीक्षण में पाया गया था कि यह महिला डाक्टर माह में एक-दो बार ही उपस्थित होती है एवं हाजरी पत्रक पर पूरे माह के हस्ताक्षर कर देती है। उसके अग्रिम हस्ताक्षर भी पाये गये। यह महिला डाक्टर पूर्व में सीहोर जिले के आष्टा सिविल अस्पताल एवं नसरुल्लागंज सामुदायिक अस्पताल में भी पदस्थ रही है तथा वहां भी सहयोगी चिकित्सकों के साथ गाली-गलौच एवं अपशब्दों का प्रयोग किये जाने के संबंध में शिकायत होती रही है। निलम्बन काल में इस महिला डाक्टर का मुख्यालय संभागीय स्वास्थ्य संचालक कार्यालय भोपाल रहेगा।
डॉ नवीन जोशी