मुंगावली उपचुनाव में सरकार और पार्टी को मात
PUBLISHED : Mar 01 , 9:40 AM
सत्ता का सेमीफाइनल कांग्रेस के हाथ में...
डॉ. नवीन जोशी
भोपाल।- सत्ता का सेमीफइनल माने जा रहे मुंगावली विधानसभा उपचुनाव के रोमांचक मुकाबले में भाजपा की बाई साहब को पछाड़कर कांग्रेस के प्रत्याशी बृजेन्द्र सिंह यादव ने 2124 वोटों से जीत हासिल कर ली है।आधिकारिक घोषणा के मुताबिक भाजपा को जहां 68684 वोट मिले हैं वही कांग्रेस ने 70808 वोट पाकर जीत दर्ज की है।तीसरे स्थान पर नोटा को 2253 वोट किये गए हैं।
- बीजेपी को जोर का झटका जोर से देते हुए कांग्रेस ने हाई प्रोफाइल मुंगवाली सीट भाजपा 2124 मतों से जीत ली है।19 राउंड चली मतगणना में बीजेपी को 68684 वोट मिले वहीं कांग्रेस ने 70808 वोट पाए।मुंगवाली में कांग्रेस के विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा के निधन के कारण उपचुनाब कराये गए थे।कांग्रेस ने यहां से बृजेन्द्र सिंह यादव को मैदान में उतारा था तो भाजपा ने बाई साहब यादव को उम्मीदवार बनाया था।मुंगवाली उपचुनाब में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच रहा।तीसरे नंबर पर कोई भी निर्दलीय प्रत्यशी नही रहा तीसरा स्थान नोटा को मिला जिसपर 2253 मत डाले गए।18 वे राउंड में एक मशीन की पिन टूटी हुई निकली जिसके बाद थोड़ी देर के लिए मतगणना रोकी गई।इसके अलावा पोलिंग क्रमांक 248 की मतगणना को रोका गया था जिसके थोड़ी देर बाद आखिरी राउंड की मतगणना पूरी की गई।
दरअसल मुंगवाली के चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया ओर मुख्यमंन्त्री शिवराज सिंह चौहान की साख इस चुनाव में दांव पर लगी थी।सिंधिया के गढ़ को भेदने के लिए भाजपा ने हर हथकंडे अपनाए,बावजूद इसके भाजपा सिंधीयबको उनके गढ़ में परास्त करने में नाकामयाब रही।दो हफ़्तों तक मुंगवाली ओर कोलारस दो दर्जन मंत्रियों किं उपस्थिति में राजधानी बना रहा।भाजपा ने मुंगवाली समेत कोलारस में कांग्रेस को हराने के लिए तमाम जातिगत समीकरणों का इस्तेमाल किया,चाहे जाटव समाज हो कुशवाहा समाज या किरार समाज भाजपा ने तकरीबन हर जाति के सम्मेलन करा वोटरों को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया।बआवजूद इसके भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।लेकिन भाजपा के लिए संतोष की बात ये रही कि बसपा के चुनाव से हट जाने के चलते कांग्रेस समेत राजनीतिक विश्लेषक हार का अंतर 15 से बीस हजार मान रहे थे भाजपा इस अंतर को 2000 तक लाने में कामयाब रही गौरतलब है कि 2013 के चुनाव में बसपा को मुंगवाली से 12081 मिले थे ऐसे में बसपा की गैर मौजूदगी में कांग्रेस को उम्मीद थी कि ये बसपा के ये वोट कांग्रेस को ट्रांसफर होंगे लेकिन ऐसा नही हुआ।
बहरहाल इस चुनाब ने दोनों पार्टियों को एडी चोटी का जोर लगाने पर मजबूर कर दिया ऐसे में समझा जा सकता है कि सत्ता के फाइनल के लिए दोनों पार्टियां कितना जोर लगाने वाली है।
डॉ.नवीन जोशी